बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने पुराने गिले-शिकवों को भुलाकर लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था. मगर चुनाव का परिणाम आते ही उन्होंने इसे तोड़ दिया था. हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से किए अपने वादे को अब वह पूरा कर रही हैं.

गठबंधन टूटने के बाद भी बसपा सुप्रीमों मायावती ने 1995 के गेस्ट हाउस का’ण्ड में शामिल सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ सुप्रीम को’र्ट में के’स वापस लेने का फैसला किया है. उन्होंने सुप्रीम को’र्ट में शपथ पत्र दिया है. हालांकि ये स्पस्ट नहीं है कि इस मामले में शामिल सभी आरोपियों के नाम वापस होंगे या फिर सिर्फ मुलायम सिंह के प्रति ही मायावती ने नरमी दिखाई है.

गठबंधन के दौरान ही के’स वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी. फरवरी में दोनों पक्षों के वकील ने सुप्रीम को’र्ट में गेस्ट हाउस कां’ड के’स वापस करने की अर्जी दी थी.

इस मामले में मायावती ने केंद्र में मुलायम सिंह को ही रखा और उन पर ह’मलावर रहीं. जबकि साजि’शकर्ताओं की लिस्ट में कई सपा नेताओं के नाम शामिल हैं. इनमें प्रमुख नाम आजम खान और शिवपाल सिंह यादव का भी है.

वहीं मायावती के इस फैसले को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वागतयोग्य बताया है. साथ ही धन्यवाद भी किया. इससे जाहिर है कि भले ही गठबंधन टू’ट गया हो पर खटास नहीं है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here