नीरज चोपड़ा वो खिलाड़ी जिसने अपनी प्रतिभा के दम पर देश का नाम पूरी दुनिया में रौशन कर दिया. नीरज ने ओक्यो आलंपिक में भारत को इस साल का एकमात्र गोल्ड मेडल दिलाया. नीरज के इस प्रदर्शन पर पूरा देश खुशी से झूम उठा. उन्होंने भालाफेंक प्रतियोगिता में भारत को गोल्ड दिलाया.
नीरज चोपड़ा के कोच नसीम अहमद ने कहा था कि नीरज ने इस साल मार्च में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया था, इस समय वो लय में है और यकीनन कोई नया कीर्तिमान स्थापित करेगा. नीरज के कोच रह चुके नसीम अहमद बताते हैं कि आज वो इतना बड़ा एथलीट होने के बावजूद भी मेरे सामने कुर्सी पर नहीं बैठता है.
उन्होंने कहा कि वो ज्यादा बात नहीं करता मगर जब भी कोई बड़ी प्रतियोगिता खेलने के लिए जाता है तो आशीर्वाद लेने जरूर आता है. मैं उन्हें आशीर्वाद देता हूं और गुरू दक्षिणा में मेडल की मांग करता हूं. वो हर जीत के बाद मुझे फोटो भेज देता है.
नसीम अहमद कहते हैं कि मैं नीरज का हर मैच देखता हूं लेकिन मेरी जीत तब होती है जब उसका मैसेज आता है. उन्होंने कहा कि मैं खुश्नसीब हूं कि ऐसा एथलीट देश को दे पाया.
कोच नसीम ने कहा कि नीरज के चाचा साल 2011 में उसे लेकर मेरे पास आए थे और कहा था कि मेरा भतीजा मोटा हो रहा है आप इसे दौड़ाया करो. मैंने कहा कि आप इसे स्टेडियम भेज दिया करें, इसके बाद वो रोज आने लगा. फिर उसे भाला फेंक खेल भा गया और उसने उसी में हाथ आजमाना शुरू कर दिया. वो 2016 तक मेरे पास रहा.