देश में लंबे समय से आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है. मंदी सिर्फ भारत में ही नहीं है बल्कि दुनिया के अधिकतर देशों की अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती छाई हुई है. केंद्र सरकार की ओर से मंदी को दूर करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए तमाम तरह की घोषणाएं और छूट देने का एलान किया था. हालांकि सरकार का कोई मंत्री ये मानने को तैयार नहीं है कि देश में मंदी का असर है. इस सबके बीच निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र को एक लेख लिखा है.

इस लेख में उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार को पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की नीतियों से सीख लेनी चाहिए. परकला प्रभाकर ने साल 1991 में बिगड़ी अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए लिखा है कि उस समय जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे तब मनमोहन ने अर्थव्यवस्था को सुधारा था.

केंद्र सरकार को मनमोहन सिंह के उसी माॅडल को अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी स्थापना के बाद से लेकर अबतक खुद से आर्थिक ढांचे का कोई भी प्रस्ताव नहीं ला पाई है. बस वो नेहरूवादी ढांचे की आलोचना करती रहती है. इसके बाद उन्होंने लिखा कि बीजेपी ने हमेशा ये नहीं-ये नहीं की नीति को अपनाया है मगर आज तक ये नहीं बता पाई कि उसकी खुद की नीति क्या है.

 

प्रभाकर ने कहा कि बीजेपी का वर्तमान नेतृत्व इस बात से भलि भांति परिचित है इसीलिए चुनावों के दौरान वो इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखता है कि अर्थव्यवस्था को लेकर जनता के सामने कोई बात न की जाए. बीजेपी ने इसकी जगह राष्ट्रवाद और देश की सुरक्षा को दे दी है.

प्रभाकर ने कहा कि बीजेपी ने लरसिम्हा राव सरकार की नीतियों को न तो खारिज किया है और न ही उसे चुनौती दी है. अगर सरकार आज भी उन नीतियों को अपना ले तो अर्थव्यवस्था में सुधार लाया जा सकता है.

इस लेख पर मशहूर कवि कुमार विश्वास ने चुटकी लेते हुए कहा कि अब देखना भाई लोग ट्रेन टू पाकिस्तान में इनका भी टिकट कंफर्म करा देंगे.

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