भारतीय रेलवे केंद्र सरकार का सबसे बड़ा विभाग है. कभी न रूकने वाले इस विभाग में लगभग 15 लाख कर्मचारी काम करते हैं. बीते कुछ समय से सरकार इसके कुछ हिस्से का निजीकरण करने की तैयारी में है. इसी प्रयास के तहत कुछ दिन पहले सरकार ने देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस का शुभारम्भ कर दिया.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली इस ट्रेन का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. इस ट्रेन में प्लेन जैसी सुविधाएं मुहैया कराने का पूरा प्रयास किया गया है. इसमें एयर होस्टेज की तर्ज पर रेल होस्टेज आपकी सहायता के लिए हर समय मौजूद रहती हैं.

 

इसी ट्रेन के पटरी पर दौड़ने के बाद अब सरकार 150 ट्रेने और 50 रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी शुरू कर चुकी है. इसी प्रक्रिया के तहत नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव को एक पत्र लिखा है.

इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि जैसा कि आप पहले से जानते हैं कि रेल मंत्रालय ने पैसेंजर ट्रेनों के संचालन के लिए निजी ट्रेन ऑपरेटरों का लाने का फैसला किया है और पहले चरण में 150 ट्रेनों को इसके तहत लेने का विचार कर रहा है. बता दें कि रेलवे की कई यूनियनें रेलवे का निजीकरण करने का विरोध कर रही हैं.

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