महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से लेकर अब तक वहां पर बीजेपी और उसकी सहयोगी शिवसेना के बीच शुरू हुआ सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. दोनों दलों के बीच सीएम पद को लेकर पेंच फंसा हुआ है. शिवसेना हर हाल में सीएम पद मांग रही है तो बीजेपी किसी भी हाल में सीएम पद देने को राजी नहीं है.
समय बीतता जा रहा है मगर दोनों दलों के बीच बातचीत बनती दिख नहीं रही है. 9 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इससे पहले नई सरकार का गठन हो जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो वहां राज्यपाल की मंजूरी से राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है.
महाराष्ट्र की राजनीति के लिहाज से आज का दिन काफी अहम है. शिवसेना के सभी विधायक मातोश्री पहुचंकर पार्टी प्रमुख से मुलाकात कर रहे हैं. शिवसेना इस बात पर भी मंथन कर रही है कि अगर बीजेपी को छोड़कर एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बना ले तो उसे क्या राजनीतिक नफा नुकसान होगा.
शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर दोहराया है कि सीएम तो शिवसेना का ही होगा. बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल के लिए पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी को भेजा है. गडकरी अपने सारे कार्यक्रम रद्द करके आनन फानन में नागपुर पहुंच गए हैं.
सूत्रों का कहना है कि नागपुर में नितिन गडकरी संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात करेंगे. गडकरी ने कहा है कि वह नागपुर जा रहे हैं जहां वह महाराष्ट्र को लेकर उनकी मुलाकात कुछ लोगों से होगी. इससे पहले शिवसेना किशोर तिवारी ने मोहन भागवत को चिट्ठी लिखकर कहा था कि शिवसेना और बीजेपी के बीच जारी विवाद को सुलझाने के लिए नितिन गडकरी को कहा जाना चाहिए.