महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच मनमुटाव का असर केंद्र में भी देखने को मिल गया है. केंद्र की मोदी सरकार में शिवसेना के एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया. इसी के साथ शिवसेना ने खुद को एनडीए से अलग होने का एलान कर दिया. एनडीए से शिवसेना का हटना बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.

इसका असर एनडीए के अन्य दलों पर भी हो सकता है. बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार से जब पत्रकारों ने शिवसेना के गठबंधन से अलग होने के बाबत सवाल किया तो उन्होंने बहुत सधी हुई प्रतिक्रिया देकर किनारा कर लिया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए नितीश कुमार ने इस सवाल के जवाब में कहा कि ये तो वो जानें भाई, इससे हमको क्या मतलब है.

महाराष्ट्र में बीजेपी के सरकार बनाने से इंकार करने के बाद वहां की राजनीतिक स्थिती काफी बदल गई है. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को आज शाम 7ः30 बजे तक का समय दिया है. अब सबकी नजरें शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस पर लगी हुई हैं.

एनसीपी का कहना है कि वो कांग्रेस से बात किए बिना आगे नहीं बढ़ सकती. कांग्रेस ने भी इस मसले पर आज वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई थी. बैठक में ये तय हुआ है कि महाराष्ट्र के नेताओं से बातचीत के बाद ही कोई किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है.

बता दें कि शिवसेना और बीजेपी की दोस्ती लगभग 30 साल पुरानी है. ऐसा कई बार देखा गया है कि दोनों दलों के बीच किसी मुद्दे को लेकर मतभेद हों मगर हर बार ये मतभेद सुलझा लिए जाते थे. इस बार शिवसेना का रूख शुरूआत से सख्त था. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत लगातार बीजेपी को चेतावनी दे रहे थे.

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