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बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही एनडीए को बहुमत से ज्यादा सीटें मिली हों मगर वहां अभी सबकुछ सामान्य नहीं चल रहा है. बीजेपी चुनाव से पहले भले ही नितीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह चुकी हो मगर चुनाव नतीजे आने के बाद अभी तक सीएम पद के चेहरे का औपचारिक एलान नहीं हुआ है.

बिहार चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा नुकसान जेडीयू को हुआ है. जेडीयू को मात्र 43 सीटें ही मिली हैं और वो नंबर तीन की पार्टी बन गई है जबकि बीजेपी को 75 सीटों पर जीत मिली है. जेडीयू को सबसे ज्यादा नुकसान लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया चिराग पासवान ने पहुंचाया.

अब जब नितीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं ऐसे में वो चाहते हैं कि लोजपा को सबक सिखाया जाए. जेडीयू अपना बदला लेने के लिए लोजपा को एनडीए से बाहर कराने पर तुल गई है. इसके लिए जेडीयू की तरफ से बीजेपी पर दबाव भी बनाया जा रहा है.

जेडीयू के इस कदम से चिराग पासवान की मिलने वाली राज्यसभा सीट पर संकट गहरा सकता है. हालांकि गेंद अब बीजेपी के पाले में है. बीजेपी ने शुरू से लेकर अब तक चिराग पासवान को लेकर अपना रूख स्पष्ट नहीं किया है.

बीजेपी नेता चिराग के खिलाफ सीधे तौर पर बोलने से बचते नजर आ रहे हैं. अब फैसला बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को लेना है. इतना तो तय है कि बिहार में बीजेपी की राह इतनी आसान नहीं रहने वाली जितना वो समझ रही है.

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