बिहार की सियासत में मची उथल-पुथल कम होने का नाम नहीं ले रही है. दिवंगत नेता रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी में चाचा और भतीजे के बीच पावर की जंग चल रही है. चाचा अपने भतीजे को मात देकर पार्टी पर पूरी तरह से काबिज हो गए हैं.

आज लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर चुन लिए गए. इससे पहले पशुपति पारस संसदीय दल के नेता चुने जा चुके हैं.

चिराग पासवान अभी हार मानने को तैयार नहीं हैं, उन्होंने खुद को पार्टी का अध्यक्ष बताते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वो सुप्रीमकोर्ट भी जाएंगे. चाचा के बगावती तेवर के पर चिराग पासवान ने कहा कि वो अपने पिता के द्वारा बनाई गई पार्टी को इस तरह टूटते नहीं देख सकते.

उन्होंने कहा कि शेर का बेटा हूं और किसी से डरता नहीं हूं. मैं लंबी लड़ाई के लिए तैयार हूं, अगर जरूरत पड़ी तो मैं सुप्रीमकोर्ट तक जाऊंगा. चिराग ने कहा कि मैं अभी भी लोजपा का अध्यक्ष हूं. उन्होंने कहा कि आज हुई कार्यकारिणी की बैठक असंवैधानिक है, इसमें कोरम पूरा ही नहीं हुआ.

चिराग के चाचा पशुपति पारस ने अध्यक्ष बनने के बाद भतीजे पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भतीजा तानाशाह हो जाए तो चाचा क्या करेगा. पार्टी प्रजातंत्र से चलती है और प्रजातंत्र में कोई जिंदगी भर अध्यक्ष नहीं बना रह सकता.

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