भारत में ट्रेनों के स्टेशन पर समय पर पहुंचने की एक बड़ी समस्या रही है. भारतीय रेलवे अब ट्रेनों की टाइमिंग में सुधार के लिए कदम उठा रहा है. जिसके लिए रेलवे ने ‘जीरो बेस्ड’ टाइम्स टेबल तैयार किया है. यह टाइम टेबल सामान्य ट्रेनों के शुरू होने के साथ ही लागू हो जाएगा. फिलहाल कोरोना महामारी के चलते स्पेशल ट्रेनें ही चल रही हैं.

पिछले कुछ दशकों में ट्रेनों के स्टॉपेज की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. साथ ही कई ऐसी ट्रेनें चल रही हैं जिनकी आधी से ज्यादा सीटें खाली रहती हैं. ऐसी 500 ट्रेनों को चिन्हित कर रेलवे ने इन्हें बंद करने की तैयारी करली है.

रेलवे के मुताबिक नए टाइम टेबल में इस बात का ख्याल रखा गया है कि बंद की गयी ट्रेनों का प्रभाव यात्रियों पर न पड़े. यात्रियों के लिए उन ट्रेनों की जगह दूसरी ट्रेनों का विकल्प मौजूद रहेगा.

वहीं 10 हजार स्टॉपेज को बंद किया जा रहा है. इनमें से ज्यादातर स्टॉपेज धीमें चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों के हैं. जिन पैसेंजर ट्रेनों में किसी हाल्ट स्टेशन पर कम से कम 50 यात्री चढ़ते या उतरते हों, वहां का स्टॉपेज ख़त्म किया जाएगा.

बिना मांग वाली ट्रेनों के बंद होने और कुछ ट्रेनों के स्टॉपेज कम होने से कई ट्रेनों की स्पीड बढ़ जाएगी. जबकि जीरो बेस्ड टाइम टेबल का मतलब है कि जिसमें टाइम टेबल तैयार करते समय ट्रैक पर कोई ट्रेन नहीं होती है. यानि हर ट्रेन को नयी ट्रेन की तरह समय दिया जाता है. हर ट्रेन के चलने और किसी स्टॉपेज पर रुकने का सुरक्षित समय दिया जाता है. इससे न तो वो ट्रेन किसी अन्य ट्रेन की वजह से लेट होगी और न ही किसी दूसरी ट्रेन को प्रभावित करेगी.

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