राजस्थान में लगभग 1 महीने से ज्यादा वक्त तक चले सत्ता संघर्ष के दौरान क्या सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के बिना भी सरकार को बचाने की तैयारियों को पूरा कर लिया था. क्या इस दौरान अशोक गहलोत ने बीजेपी के कुछ विधायकों के विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहने का बंदोबस्त कर लिया गया था?
पिछले 14 अगस्त को विधानसभा के सदन में विश्वास मत के दौरान बीजेपी के 4 विधायकों के गायब रहने पर बीजेपी के अंदर ही सवाल खड़े हुए थे. पार्टी ने भी इन सवालों की पड़ताल के लिए सदन से गायब रहने वाले विधायकों को जयपुर तलब कर उनसे जवाब मांगा है.
इस पर इस दौरान चारों विधायकों ने अजीबोगरीब सफाई दी जिसके बाद बीजेपी की ओर से संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी इन चारों विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में है. बीजेपी को इस बात की आशंका है कि ये चारो विधायक सीएम अशोक गहलोत के प्रलोभन में आ चुके थे.

इन चारों विधायकों को जब जयपुर तलब किया गया और विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद्र कटारिया से लेकर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने इन चारों से सवाल किया कि जब पार्टी की ओर से व्हिप जारी कर दिया गया था इसके बाद भी विश्वास मत के दौरान आप लोग कहां थे.
इस सवाल के जवाब में चारों विधायकों के जवाब अजीबो गरीब थे एक विधायक ने कहा कि तबियत ठीक नहीं थी, दूसरे ने कहा गाड़ी खराब हो गई. तीसरे विधायक ने कहा जानकारी ही नहीं थी जबकि चौथे विधायक ने कहा कि मौसम खराब था. हालांकि इस दौरान चारों विधायकों ने विश्वास दिलाया कि इन लोगों ने पार्टी के साथ किसी प्रकार की कोई गद्दारी नहीं की है.