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रामनगरी के विवादित स्थल पर ना तो दीपदान होगा और न हीं नमाज पढ़ी जाएगी. अयोध्या में भव्य व दिव्य महोत्सव की तैयारियों के बीच विश्व हिंदू परिषद ने रामलला के ग’र्भगृह में 5100 दीपदान करने की अनुमति मांगी थी.

विवादित परिसर के रिसीवर कमिश्नर ने मनोज मिश्रा ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के आदेशानुसार यहां पर किसी भी गैरपरंपरागत कार्यक्रम की अनुमति नहीं है. मुस्लिम पक्षकारों ने भी कहा कि अगर दीपदान की अनुमति दी जाती है तो हम भी वहां पर नमाज पढ़ने के लिए अनुमति के लिए अपील करेंगे.

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कोर्ट के फैसले और दीपोत्सव के दौरान किसी तरह के विवाद से बचने के लिए वीएचपी को दीपदान की अनुमति नहीं दी गई है. बता दें कि अयोध्या मामले की सुनवाई इस समय अंतिम चरण में है, अगले 1 महीने के भीतर फैसले के आने की संभावना है.

सोमवार को वीएचपी के मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी कमलनयन दास, संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैय्या दास समेत कई लोगों का एक प्रतिनिधमंडल कमिश्नर से मिला. इन लोगों ने दीपावली के दिन अयोध्या के विवादित परिसर में दीपदान करने की अनुमति मांगी थी. कमिश्नर ने सुप्रीमकोर्ट का हवाला देते हुए उनकी इस मांग को ठुकरा दिया. दीपदान की अनुमति न मिलने के बाद अब वीएचपी नेता सुप्रीमकोर्ट जाएंगे.

अयोध्या में 24 से 26 अक्टूबर के बीच दीपोत्सव कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं. किसी तरह का वि’वाद जैसी स्थिति न बने इसके लिए प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है. इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर 10 दिसबंर तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है. इन्हीं दिनों के भीतर कभी भी राम मंदिर-बाबरी मस्जिद के फैसले को सुनाया जा सकता है.

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