आज पूरे देश में दशहरे का त्यौहार बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है. जगह जगह पर रावण के पुतले दहन के लिए तैयार हैं. इस दिन रावण का दहन किया जाता है. इसे दिन को असत्य पर सत्य की विजय के तौर पर जाना जाता है. इस दिन भगवान राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था.

रावण राक्षसों का राजा था. मगर रावण का एक और रूप है जो कम चर्चा में रहता है. कहा जाता है कि रावण ब्राह्मण कुल में जन्मा था और बहुत ज्ञानी था. रावण भगवान शिव का बहत बड़ा भक्त था. उसे कई तरह के वरदान प्राप्त थे. आज भी भारत में कई जगहें ऐसी हैं जहां पर रावण का भव्य मंदिर बना हुआ है.

ऐसा ही एक मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर स्थित शिवाला बाजार में है. ये मंदिर साल में सिर्फ दशहरे के दिन ही खुलता है. इस दिन पूरे रीति रिवाजों के साथ रावण की पूजा की जाती हैैैैैै.

कानपुर के अलावा महाराष्ट्र के अमरावती और गढ़ चिरौली, मध्यप्रदेश के विदिशा, इंदौर और दमोह, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, हिमांचल प्रदेश के कांगड़ा, कर्नाटक के कोलार और राजस्थान के जोधपुर के अलावा अन्य जगहों पर भी रावण के मंदिर बने हुए हैं.

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