देश की अर्थव्यवस्था में छाई मंदी किसी से छुपी नहीं है. मंदी सिर्फ भारत में ही नहीं है बल्कि दुनिया के अधिकांश देशों में इसका असर देखने को मिल रहा है. मंदी के असर से कारोबार धीमा पड़ गया है और लोगों की नौकरियां जा रही हैं. शनिवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के दिए एक बयान पर बवाल मच गया.

रविशंकर प्रसाद ने मंदी के बारे में बयान देते हुए कहा था कि जहां फिल्में एक दिन में 120 करोड़ रूपये कमा रही हों वहां कैसी मंदी. प्रसाद के इस बयान के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने बातें बनानी शुरू कर दी. सोशल मीडिया पर भी उनके इस बयान का मजाक बनाया जाने लगा.

रविवार को उन्होंने अपने इस बयान को वापस लेते हुए कहा कि मेरे कहने का मतलब ये नहीं था जो निकाला गया. मेरे बयान को गलत तरीके से तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है. इसलिए मैं अपना ये बयान वापस लेता हूं.

ट्विटर पर उन्होंने एक पत्र शेयर करते हुए कहा कि मुंबई में की गई मेरी टिप्पणी ‘3 फिल्मों ने एक ही दिन में 120 करोड़ रुपये कमाए’ तथ्यात्मक रूप से सही कथन था. मैंने यह इसलिए कहा था कि मैं मुंबई में था- भारत की फिल्म राजधानी.

हमें अपने फिल्म उद्योग पर बहुत गर्व है जो लाखों लोगों को रोजगार देता है, और करों के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान देता है. साथ ही उन्होंने कहा, ‘मैंने विस्तार से इस बात को भी बताया था कि सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए सरकार ने लोगों के हित में क्या कदम उठाए हैं.

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