सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर सपा से अलग होकर अपनी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाने वाले मुलायम सिंह के भाई और अखिलेश के चाचा शिवपाल ने फिर एक बार एकजुट होने की कोशिश की मगर ऐसा हो न सका.
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल अब तक अपने कई बयानों में सपा के साथ गठबंधन पर जोर दे चुके हैं. यहां तक कि उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते और अखिलेश को मुख्यमंत्री के रूप में देखते हैं. कहा अगर हम साथ आ जाएँ तो वह मुख्यमंत्री बन सकते हैं.
शिवपाल के गठबंधन के प्रस्ताव पर सपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. आखिरकार दो दिन पहले सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिवपाल के प्लान पर पानी फेरते हुए ऐलान किया कि सपा 2022 में अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी. किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा.
दरअसल सपा नेताओं का कहना है कि प्रसपा के साथ जाने की कोई संभावना नजर नहीं आती है. उनका मानना है कि शिवपाल सिंह के जाने से सपा को जो नुकसान होना था वह अब हो चुका है. उनके साथ जाकर दूसरा पावर सेंटर बनाने से समाजवादी पार्टी का कुछ भला नहीं होगा. यही वजह है कि अखिलेश की ओर से गठबंधन में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है.