रितेश पांडे भोजपुरी इंड्रस्ट्री का एक ऐसा नाम जो आज किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है. दुनिया में तमाम ऐसे लोग हैं जिन्हें रातों-रात इतनी सफलता मिली कि वो पूरे देश में छा गए. हालांकि वहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अपनी पहचान बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है.
भोजपुरी सिंगर और एक्टर रितेश पांडे जो कि अपनी पहचान बना चुके हैं. रितेश पांडे का जन्म बिहार के सासाराम में एक बेहद साधारण परिवार में हुआ था. उनके पिता बतौर शिक्षक काम किया करते थे. रितेश की प्रारंभिक पढाई उसी स्कूल में हुई जिसमें उनके पिता अध्यापन का काम करते थे.
रितेश बचपन से ही पढाई में अच्छे थे. उनके घरवाले चाहते थे कि वो पढ़ने लिखने के बाद डाक्टर बनें लेकिन रितेश को संगीत की दुनिया में अलग रुचि थी और शुरुआती दिनों में इसके रुझान भी सामने आने लगे तब से उन्होंने अपना रुख मोड़ लिया था. रितेश अपने कॉलेज के दिनों में स्टेज पर भी गाना गाया करते थे, वो शुरुआती दिनों में बेहद गरीब थे. इसीलिए वो अपना गाना रिकार्ड नहीं करवा सकते थे.
लेकिन उनके संगीत के प्रति जूनून ने उन्हें बनारस पहुंचा दिया और वहीं पर रिकार्डिंग स्टूडियो में नौकरी पकड़ ली. स्टूडियो में काम करने से जो पैसे मिलते थे रितेश वही पैसे देकर वहां अपने गाने रिकार्ड करवा लेते थे. गाने रिकार्ड करवाने के बाद उसे पेन ड्राइव में भर लेते थे.
अपने गानों को पेन ड्राइव में लेकर वो दुकान-दुकान भटका करते थे कि दुकानवाले उनके ये गाने ले लें और जो लोग मोबाइल में गाने भरवाने आते हैं उन्हें ये गाना भी दे दें. ये सिलसिला कई सालों तक चलता रहा. जैसे-तैसे करके रितेश के एक गाने करुआ तेल की कैसेट मार्केट में आई.
रितेश ने अपने गानों की मार्केटिंग का भी जिम्मा खुद ले लिया और कैसेट लेकर पान की दुकान से कैसेट-सीडी की दुकान तक पहुंचाने लगे. उनकी मेहनत धीरे-धीरे रंग लाई और देखते-देखते रितेश का वक्त बदला और उनके गाने हिट होने लगे.
रितेश के कई गाने यू ट्यूब पर रिकॉर्ड बना रहे हैं. इनमें पियवा से पहिले हमार रहलू और हैलो कौन प्रमुख हैं. रितेश की गायकी जब हिट हो गई तो उन्हें भोजपुरी फिल्मों में भी काम मिलने लगा. गाने के बाद एक्टिंग में भी उन्होंने अपने हुनर से सबका दिल जीत लिया है.