राजद ने बीजेपी और नीतीश कुमार के गठबंधन को लेकर सवाल उठाए हैं इसके साथ ही बीजेपी से संबंध तोड़ने की चुनौती भी दी है. इतना ही नहीं राजद की ओर से नई संभावनाओं को भी जन्म दे दिया गया है जिसमें कहा गया है अगर सीएम नीतीश कुमार बीजेपी से संबंध तोड़ लेते हैं तो उसके साथ नए सिरे से गठबंधन की संभावनाएं बन सकती है.

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि अब गेंद जेडीयू के पाले में है उन्हें समझना चाहिए कि अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू विधायकों के सामूहिक रुप से बीजेपी में शामिल होने के घटनाक्रम का मकसद पुरानी बातों का बदला लेना है.

इस दौरान शिवानंद तिवारी ने लगभग एक दशक पहले की बात करते हुे सहा कि नीतीश बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग लेने पटना आए तो पार्टी नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज को रद्द कर दिया गया था. नीतीश कुमार ने इस दौरान ही साफ कर दिया था कि उन्हें बीजेपी से कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन वो गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ थे.

मोदी ऐसे आदमी हैं जो इस चीज को भूलने और माफ करने वाले नहीं है. कुछ समय के लिए जेडीयू के साथ रहे राजद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश का घटनाक्रम चिराग पासवान के विद्रोह के साथ हुए इस घटनाक्रम का हिस्सा है.

लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजग से समर्थन वापस ले लिया था और नीतीश को सत्ता से हटाने का संकल्प लिया था. तिवारी ने कहा कि बीजेपी की रणनीति पहले नीतीश कुमार के कद को छोटा करने की थी. और वो इस चुनाव में सफल हुई और अब उसकी ओर उन्हें अपमानित करने का काम शुरु कर दिया गया है.

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