बिहार की राजनीति में इन दिनों हलचल बढ़ी हुई है. एनडीए हो या यूपीए दोनों ही खेमों में अंदरूनी उथल-पुथल चल रही है. लोक जनशक्ति पार्टी रातोरात तख्ता पलट हुआ और चिराग पासवान को सभी पदों से हटाकर उनके चाचा पशुपति कुमार पारस पार्टी मुखिया बन गए. चिराग पासवान अचानक अकेले पड़ गए तो उन्हें राष्ट्रीय जनता दल ने अपने साथ आने का ऑफर दे डाला.

राजद नेता ओर मनेर से विधायक भाई वीरेंद्र ने चिराग पासवान को ऑफर देते हुए कहा कि समय की मांग है तेजस्वी और चिराग एकसाथ आ जाएं. उन्होंने कहा कि चिराग और तेजस्वी दोनो ही युवा हैं, जब दोनो एकसाथ हो जाएंगे तो बिहार की सियासत पर बड़ा असर पड़ेगा.

राजद विधायक ने कहा कि लोजपा में कोई टूट नहीं हुई है, उनके समर्थक आज भी रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के साथ हैं. भाई वीरेंद्र ने कहा कि चिराग पासवान केंद्र की राजनीति करें और तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति करें.

लोजपा की टूट पर चुटकी लेते हुए जेडीयू नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि जो जैसा करेगा उसे वैसा फल मिलेगा, चिराग ने जो बोया है वैसा ही काट रहे हैं. आरसीपी ने कहा कि चिराग ने हमेशा एनडीए के खिलाफ काम किया है, इसे लेकर उनकी पार्टी में विरोध चरम पर था, ये उसी का नतीजा है कि आज उनकी पार्टी टूट गई है.

बता दें कि पार्टी के पांच सांसदों ने मिलकर चिराग पासवान को पार्टी अध्यक्ष और ससंदीय दल के नेता पद से हटाकर चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को नया मुखिया चुन लिया है. पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संसदीय दल के नेता का भी जिम्मा सौंपा गया है.

रविवार देर शाम सांसद पशुपति पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंसराज की बैठक में ये फैसले लिए गए. बैठक के बाद पांचों सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला को इस फैसले की जानकारी देते हुए आधिकारिक पत्र भी सौंप दिया है.

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