वरिष्ठ शिया धर्मगुरू और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के उपाध्यक्ष डाॅक्टर कल्बे सादिक ने अयोध्या मामले का फैसला आने से पहले मुस्लिम समुदाय से विवादित जमीन को हिंदू समुदाय को सौंप देने की अपील की है. हालांकि उन्होंने ये साफ कह दिया कि ये उनकी निजी राय है.

विश्व के प्रमुख इस्लामी विद्वानों में शुमार डाॅक्टर कल्बे सादिक हमेशा से ही अमन और भाईचारगी बढ़ाने पर जोर देते चले आ रहे हैं. इसके लिए वो कई तरह की मुहिम भी चला चुके हैं.

उनका कहना है कि हमेशा कुछ हासिल करके ही जीता नहीं जाता बल्कि कुछ देकर भी जीता सकता है. अगर आप एक प्लाट या मस्जिद देकर करोड़ों लोगों का दिल जीत लेते हैं तो आपको खुशी खुशी ये काम कर देना चाहिए.

कल्बे सादिक ने कहा कि मैं मुसलमान भाइयों को राय दे रहा हूं. वह यह है कि अगर हिन्दू भाई जीत जाते हैं और भगवान करे कि जीत जाएं तो वे खुशी का जुलूस निकालने के लिए जो भी करेंगे तो मुसलमान कोई प्रतिक्रिया न करें.

वे खामोश बैठे रहें बल्कि जाकर बधाई दें और जो भी कर सकते हैं, अपनी नेक ख्वाहिशात बताएं उनको. अगर मुसलमान जीत जाएं तो हरगिज कोई जुलूस-वुलूस न निकालें बल्कि हिन्दुओं के सामने झुक जाएं और अगर मुसलमान हार गए तो एक मस्जिद के हार जाने से मुसलमान नहीं हारते हैं.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इसलिए तरक्की नहीं कर सका क्योंकि वहां स्कूल कालेज कम खुले और मस्जिदें ज्यादा बनीं. मौलाना कल्बे सादिक आधुनिक विचारधारा के ऐसे विद्वान हैं जो कहते हैं कि ईद चांद देखकर नहीं बल्कि कैलेण्डर देखकर मनाई जानी चाहिए. हालांकि उनके ऐसे विचारों से तमाम मुस्लिम विद्वान और धर्मगुरु सहमत नहीं होते.

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