महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद वहां शुरू हुआ सियासी नाटक अभी भी जारी है. चुनाव परिणाम आए एक सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है मगर अभी तक सरकार बनाने को लेकर स्थिती साफ नहीं हो पा रही है. 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत से ज्यादा सीटें मिली हैं मगर चुनाव नतीजे आने के बाद दोनों पार्टियों के बीच सरकार बनाने को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है.
शिवसेना अपनी सहयोगी बीजेपी को 50-50 फार्मूले की याद दिलाकर ढाई साल के लिए सीएम पद मांग रही है. बीजेपी किसी भी हाल में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने को तैयार नहीं है. दोनों पार्टियों की ओर से एक दूसरे पर तंज कसने का सिलसिला जारी है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए भाजपा नेता के राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी बयान को लेकर भाजपा पर निशा’ना साधा है. सामना में लिखा, राष्ट्रपति आपकी जेब में हैं क्या? वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार की राष्ट्रपति शासन की दी गई धम’की लोकतंत्र विरोधी है. महाराष्ट्र की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का अपमान है.
जन्म के बाद सिर्फ हम ही सरकार में रहेंगे. भले ही खुद के पास बहुमत न हो, लेकिन इसके बावजूद किसी दूसरी पार्टी को राज करने नहीं देंगे, यह सोच घातक है. भाजपा का शासन नहीं आया तो क्या राष्ट्रपति की मुहरवाला रबर स्टैंप आप थोप नहीं सकते. राष्ट्रपति शासन की धमकी देना कानून और संविधान का मखौल उड़ाना है. देश किसी की जेब में नहीं.
इसी बीच शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता से मुलाकात की जिसे लेकर आशंका जताई जा रही है कि शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाने की कोशिश कर रही है.
Sanjay Raut, Shiv Sena on his meeting with Nationalist Congress Party (NCP) Chief, Sharad Pawar: The kind of situation that is prevailing in Maharashtra, all political parties are talking to each other, except Shiv Sena & BJP. #MaharashtraAssemblyPolls https://t.co/rFZPxyEWIS
— ANI (@ANI) November 2, 2019