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“ना चाहो तो कोई बात नहीं लेकिन किसी गैर को चाहोगे तो मुश्किल होगी” इन पंक्तियों के साथ शिवपाल सिंह यादव ने देर रात अपने क्षेत्र जसवंतनगर में रामलीला मैदान में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया तो पूरा सभागार तालियों की गड़’गड़ाहट से गूंज उठा.

इस उद्बोधन के साथ ही उन्होंने जसवंतनगर के समाजवादियों पर तंज भी कसे, कहा कुछ लोग उनको विधानसभा चुनाव में परा’जित करने की कोशिशो में जुटे हुए थे. दावा करते हुए कहा कि कुछ लोग उनको हराने के लिए प्रयासरत थे, लेकिन जसवंतनगर की जनता ने उन्हें सर-आंखो पर बैठा लिया, जिससे उनकी जीत पक्की हुई.

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परिवार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां की जनता ने हमारे परिवार को ऊचाईयों पर पहुंचाया है. हमारे भाई नेता जी यहां की पावन धरती से सात बार विधायक और चार बार सांसद बनें. साल 1996 से लगातार मैं यहां का विधायक हूं.

उन्होंने कहा कि आप लोगों ने ही मेरा विषम परिस्थितियों में भी साथ दिया, जिस समय लोग हमें नीचा दिखाने में जुटे हुए थे, वे चाहते थे कि यहां से शिवपाल की हार हो, लेकिन आप लोगों का प्यार और सम्मान का ही नतीजा है कि हम एक बार फिर जसवंंतनगर से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे.

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इस दौरान वह इस बात को कहने से नहीं चूके कि अपनों का आदर करने से ही उन्नति मिलती है घ’मंड करने से हार मिलती है. अगर आपके साथ कोई धोखा’धड़ी करने का प्रयास करे तो आपको चुप नहीं रहना है फिर वह चाहे कोई अपना ही क्यों ना हो.

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