बीते लोकसभा चुनाव से पहले अपनी अलग पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की स्थापना करने वाले शिवपाल सिंह यादव इस वक्त अपनी पार्टी को उत्तर प्रदेश में एक स्तर पर देखते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने तीन महीने में ही एक शानदार संगठन खड़ा कर दिया है. साथ ही उत्तर प्रदेश की सियासत को प्रभावित किया है.
शिवपाल ने कहा है कि अगर लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी दलों के गठबंधन में उन्हें शामिल किया जाता तो चुनाव के परिणाम कुछ और ही होते. याद रहे हाल ही में शिवपाल ने सपा के सामने भी गठबंधन का प्रस्ताव रखा था. जिसपर सपा की ओर सीधे तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
राजनीति अंकगणित से ज्यादा रसायन शास्त्र
सियासत को अच्छी तरह समझने वाले शिवपाल सिंह यादव ने रविवार को पार्टी कार्यक्रम में कहा कि राजनीति कई बार अंकगणित से अधिक रसायन शास्त्र होती है.
वहीं समाजवादी पार्टी का नाम लिए बगैर ही शिवपाल ने कहा कि उनके एक नेता ने कहा था कि पुराना रिकॉर्ड देख लें, बड़े-बड़े नेताओं ने संगठन बनाए उनका राजनीतिक अस्तित्व ख़’त्म हो गया. मेरे बारे में कहा गया कि इनका पूर्वांचल में कोई राजनीतिक आधार नहीं है. उन्होंने कहा मानवीय संवेदना को जाती, ध’र्म, भाषा और संप्रदाय की सीमाओं में नहीं बंधना चाहिए.