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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच की तल्खी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. कभी एक साथ रहने वाले चाचा भतीजे आज एक दूसरे से इतनी दूर जा चुके हैं कि दोनों एक साथ आने को राजी ही नहीं हो रहे हैं.

सुलह समझौते की लाख कोशिशों के बाद भी दोनों के बीच पड़ी दरार भरने का नाम नहीं ले रही है. सपा और प्रसपा को 2019 लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों पार्टियां साथ आ सकती हैं मगर ऐसा होता दिख नहीं रहा है.

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प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी सपा में विलय नहीं करेगी, अगर जरूरत पड़ी तो ससम्मान गठबंधन कर सकती हैै. शिवपाल यादव ने एक बार फिर कहा है कि उनकी पार्टी अब उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हुई है.

पार्टी को मजबूत करने के लिए सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. शिवपाल ने कहा कि अगर 2022 चुनाव में सपा से गठबंधन पर उन्हें कोई पहरेज नहीं है. अगर सपा से बात नहीं बनती है तो दूसरे दलों से गठबंधन करने से भी उन्हें कोई पहरेज नहीं होगा.

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