ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलेमीन के मुखिया असदउद्दीन ओवैसी के बंगाल और यूपी चुनाव लड़ने के एलान से देश की सियासत गर्मा गई है. विपक्षी दल उन्हें भाजपा की बी टीम और एजेंट बताने में लगे हुए हैं. जबकि ओवैसी का कहना है कि हमारा किसी से कोई संबंध नहीं है, ऐसे बयान हमारे खिलाफ साजिश हैं.

हाल में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज ने मीडिया से बातचीत करते हुए ओवैसी को अपना मददगार बता डाला. उन्होंने कहा था कि ओवैसी ने बिहार में हमारी मदद की, अब वो यूपी और बंगाल में भी हमारी मदद करेंगे. भगवान उन्हें शक्ति दे.

साक्षी महाराज के इस बयान के बाद विपक्षी दल ओवैसी और भाजपा को घेरने में जुट गए. शिवसेना को भी बैठे बिठाए भाजपा को घेरने का मौका मिला तो मुखपत्र सामना में उन्होनें पूरा लेख ही लिख डाला.

शिवसेना ने सामना में लिखा कि बीजेपी नेता की ओर से दिए गए बयान ने ओवैसी साहब और बीजेपी के बीच रिश्ते की पोल खोल दी, अब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है.

सामना में लिखा गया कि कमल के फूल भले ही दीन दयाल उपध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेई, लाल कृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी और अमित शाह हों मगर कमल के फूल का भंवरा तो मियां ओवैसी हैं. साक्षी महाराज के बयान ने लोगों के भ्र को पूरी तरह से खत्म कर दिया है. ब

ता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने 5 सीटें जीती थी मगर कहा ये जा रहा है कि ओवैसी की वजह से महागठबंधन को कई सीटों पर हार मिली और वो सरकार बनाने से चूक गए.

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