देश की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी कांग्रेस अब तक के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. कांग्रेस की सबसे बड़ी परेशानी पार्टी के अंदर जारी कलह है. कांग्रेस में लंबे समय से गुटबाजी की खबरे आ रही हैं.
उन प्रदेशों में हालात और भी ज्यादा खराब हैं जहां पर कांग्रेस की सरकारे हैं. इसी कलह की वजह से मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए.
पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है. दोनों नेताओं के बीच चल रही इस कलह को खत्म करने के लिए पार्टी आलाकमान सक्रिय हो गया है और लगातार बैठकें कर रहा है. सिद्धू कुछ विधायकों के साथ दिल्ली आकर शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं.
मंगलवार को हुई बैठक के बाद सिद्धू ने कहा कि मैं यहां जमीनी स्तर के लोगों की आवाज हाईकमान तक पेश करने आया हूं. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक शक्ति पर मेरा मत वही है, लोगों की सत्ता को उनके पास लौटाना चाहिए. मैने एकदम सच कहा है.
सिद्धू ने कहा कि सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता, हमें पंजाब को जिताना है, उन्होंने कहा कि पंजाब विरोधी ताकत हारेगी.
बता दें कि पंजाब में कांग्रेस नेताओं के बीच झगड़े को सुलझाने के लिए सोनिया गांधी ने एक टीम गठित की है. इस कमेटी ने सोमवार को पहली बैठक की जिसमें पंजाब के 25 विधायकों को बुलाया गया था. मामले को सुलझाने वाली टीम की अगुवाई उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कर रहे हैं.