देश की संसद से लेकर सड़क तक हुए भारी विरोध के बावजूद नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद अब राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई है. इसी के साथ ये कानून लागू हो गया है. हालांकि पूर्वोत्तर के राज्यों में इसका भारी विरोध हो रहा है. देश के तमाम विपक्षी दल भी इस कानून का जमकर विरोध कर रहे हैं.

6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को झटका देते हुए इस नए कानून को अपने अपने राज्य में लागू करने से साफ इंकार कर दिया है. जिन 6 राज्यों ने इंकार किया है उनमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल और पंजाब शामिल हैं.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का कहना है कि इस बिल को लेकर पार्टी ने जो रूख अपनाया है हम उसका पालन करेंगे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इसका विरोध जताते हुए इसे अपने राज्य में लागू करने से साफ इंकार कर रही हैं.

केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन भी इसे अपने राज्य में लागू करने से इंकार कर चुके हैं. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट से जब पूछा गया कि वो क्या इसे अपने राज्य में लागू होने देंगे तो उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह पार्टी के रूख के साथ हैं.

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