image credit-getty

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा के कोर वोटरों पर वोट न देने का आरोप लगाते हुए कहा गठबंधन से किनारा कर लिया था. उसका जवाब यूपी में हुए विधानसभा उपचुनाव में तीन सीटें लाकर सपा ने बसपा को दे दिया है.

हालांकि उस समय अखिलेश यादव खामोश रहें लेकिन अब उन्होंने साफ कर दिया है कि अगर 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी के साथ गठबंधन की जरुरत पड़ती है तो समाजवादी पार्टी की शर्तों पर ही किया जाएगा.

दरअसल बीते 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा उपचुनाव के मतदान और 24 अक्टबूर को आए परिणामों के बाद सपा ने तीन सीटें जीती थी, जिसमें जैदपुर, रामपुर और जलालपुर सीटें थी. बीजेपी से बाराबंकी की सीट, बसपा से जलालपुर की सीट छीन ली. उपचुनाव में बीजेपी को 8 सीटें मिली, जबकि सपा को 3 सीटें मिली. बसपा और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका.

image credit-getty 

समाजवादी पार्टी चार सीटों पर दूसरे स्थान पर आई, जिससे इस बात का अंदाजा तो लग गया कि समाजवादी पार्टी ही मजबूत विपक्ष के रुप में है. वहीं बसपा दो ही सीटों पर दूसरे स्थान पर आ सकी. वहीं कई जगहों पर तो पार्टी की जमानत तक जब्त हो गई.

गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव के परिणाम में मनमुताबिक सीटें ना आने के कारण मायावती ने गठबंधन से किनारा कर लिया था. इस दौरान उन्होॆने ये तक कह दिया था कि अखिलेश ने अधिक मात्रा में मुस्लिम प्रत्याशी न उतारने के लिए कहा.

इन सब बातों को सुनते हुए भी अखिलेश चुप्पी साधे रहेें और उपचुनाव में परिणामों को दिखाकर ये तो साबित कर दिया है कि अगर उस समय सपा और बसपा के बीच गठबंधन ना होता तो मायावती 10 सीटें भी ना जीत पाती.वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर लोकसभा चुनाव में सपा अकेले मैदान में होती परिणाम कुछ और ही होते.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here