समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में समाज के कमजोर वर्गो, किसानों, बुनकरों के प्रति भाजपा सरकार का रवैया उपेक्षा और संवेदनशून्यता का है. पता नहीं क्यों भाजपा जनहित पर ध्यान देने के बजाए जनता को उत्पीड़न का शिकार बनाने में ज्यादा रूचि लेती है.

सत्ता में आए साढ़े तीन साल बीत गए जनता को कल्याण की एक भी योजना वह लागू नही कर पाई बस पूरे समय तक वह समाजवादी सरकार के अच्छे कामों को नकारने और दिखावे में उन्हें अपना बताने की कवायद ही करती रही है.

उस समय के अच्छे निर्णयों को उलटने और बनी बनाई व्यवस्था को बिगाड़ने की ही उसकी नीयत रही है.
समाजवादी सरकार ने अपने कार्यकाल में बुनकरों के कल्याण और उनकी आर्थिक मजबूती के लिए बिजली फ्लैट रेट पर देने का निर्णय लिया था. बुनकर इस व्यवस्था से लाभान्वित हो रहे थे.

भाजपा सरकार को बुनकरों को मिल रही यह सुविधा पसंद नहीं आई. उसने जनवरी 2020 से यह सुविधा ही खत्म कर दी. नए वर्ष पर लोग सुख-समृृद्धि की कामना करते हैं, भाजपा ने नववर्ष के पहले दिन से ही बुनकरों की खुशियां छीन ली. बुनकरों में जब इसकी तीव्र प्रतिक्रिया हुई तो 31 जुलाई तक फ्लैट रेट पर बिजली देने का फैसला तो सुना दिया लेकिन भाजपा की मंशा कुछ अच्छी नहीं लगती है। उसने 1 अगस्त 2020 से नई व्यवस्था करने का इरादा भी जता दिया है.

हैंडलूम, पावरलूम के अच्छे खासे व्यवसाय को चैपट करने में भाजपा की सक्रियता निहायत घटिया मानसिकता का प्रदर्शन है.बुनकरों को पुराने बकाये के नाम पर आज भी प्रताड़ित किया जा रहा है. भाजपा अपने आरएसएस एजेंडा के तहत ऐसा कर रही है.

पावर कारपोरेशन ने बिजली दरों में स्लैब परिवर्तन का ही इरादा कर लिया है. पहले उनके प्रयास सफल नहीं हुए तो अब नए सिरे से बिजली दरें बढ़ाने की साजिशें की जा रही है.

समाजवादी पार्टी ने वर्तमान नाजुक हालात में आर्थिक कठिनाइयों में गुजर रहे उपभोक्ताओं के 6 माह के बिजली बिल माफ करने और किसानो के ट््यूबवेलो से सभी प्रकार के मीटर हटाकर पहले की तरह ही व्यवस्था बहाली की मांग की है.

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