यूरोपीय यूनियन के 28 सांसदों को जम्मू कश्मीर दौरे की इजाजत देना मोदी सरकार को भारी पड़ गया है. बीजेपी के अंदर से ही इस दौरे की इजाजत देने के विरोध में स्वर फूट पड़े हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ये राष्ट्रीय नीति से समझौता है.

ट्वीट करते हुए स्वामी ने कहा है कि मैं अचंभित हूं कि विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ के सांसदों को जम्मू कश्मीर के घाटी इलाके में जाने देने की व्यवस्था की है. वो भी तब जब वो अकेले जाएंगे और ये कोई यूरोपीय यूनियन का आधिकारिक प्रतिनिधि मंडल नहीं होगा. ये हमारी राष्ट्र नीति से समझौता है. इसके बाद उन्होंने कहा कि मेरी मोदी सरकार से ये अपील है कि वो इस दौरे को रद्द करे, क्योंकि ये अनैतिक है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मामले पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि कश्मीर में यूरोपियन सांसदों को सैर-सपाटा और हस्तक्षेप की इजाजत लेकिन भारतीय सांसदों और नेताओं को पहुंचते ही हवाई अड्डे से वापस भेजा गया! बड़ा अनोखा राष्ट्रवाद है यह.

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर आंतरिक मामला है. अगर पीएम नरेंद्र मोदी विदेशी नेताओं को अतिथि के तौर पर कश्मीर दौरा करवा सकते हैं तो अपने देश के विपक्षी नेताओं से सौतेला व्यवहार क्यों, उनके जाने पर पाबंदी क्यों? बता दें कि यूरोपियन सांसदों का दल जम्मू कश्मीर के दौरे पर पहुच चुका है.

I am surprised that the MEA has arranged for European Union MPs, in their private capacity [Not EU’s official delegation],to visit Kashmir area of J&K. This is a perversion of our national policy. I urge the Government cancel this visit because it is immoral.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here