शनिवार का दिन भारत के इतिहास के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन साबित हुआ. आज के दिन देश के सबसे पुराने और चर्चित मामले का निबटारा देश की सर्वोच्य अदालत ने कर दिया. तकरीबन दो सौ साल पुराने अयोध्या विवाद का आज अंतिम निर्णय सुना दिया गया.

अदालत ने ये साफ कर दिया कि विवादित 2.77 एकड़ पर राम मंदिर बनेगा. मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही अलग जगह पर 05 एकड़ जमीन दी जाएगी. हालांकि सुन्नी वक्फ बोर्ड अदालत के फैसले से खुश नहीं है.

सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा हम फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं. हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे. पूरे मुल्क की आवाम से अपील है कि शांति बनाए रखें.

इसे लेकर कहीं भी किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन नहीं होना चाहिए. यदि हमारी समिति मान जाती है तो हम पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे. यह हमारा अधिकार है और यह उच्चतम न्यायालय के नियमों के अधीन भी है.

शीर्ष अदालत के फैसले का सम्मान करते हुए मुस्लिम पक्षकार स्वर्गीय हाशिम अंसारी के पुत्र इकबाल अंसारी ने कहा है कि हम सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं. हमने पहले भी कहा था कि अदालत का फैसला मानेंगे.

आज भी कह रहे हैं कि हम इसे मानते हैं. अब देखना है कि सरकार हमें मस्जिद निर्माण के लिए कहां जगह मिलती है. फिलहाल अदालत के इस निर्णय से एक बहुत बड़ा मसला हल हो गया है.

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