देश की सर्वोच्य अदालत ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के बारे में ऐसी टिप्पणी कर दी जो मीडिया की सुर्खियां बन गई. दरअस्ल सुप्रीमकोर्ट यूपी सरकार की ओर से पेश वकीलों के जवाबों से नाराज होकर ऐसी तल्ख टिप्पणी की है. गुरूवार को सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से तंग आ चुके हैं. ऐसा लगता है यूपी में जंगलराज है.

को’र्ट ने कहा कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि अधिकतर मामलों में यूपी सरकार की ओर से पेश वकीलों के पास संबंधित अथॉरिटी का कोई उचित निर्देश नहीं होता है. को’र्ट ने ये टिप्पणी बुलंदशहर के सैकड़ों साल पुराने एक मंदिर प्रबंधन के मामले की सुनवाई के दौरान की.

जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील से पूछा कि क्या यूपी में कोई ट्रस्ट या सहायतार्थ ट्रस्ट एक्ट है? क्या वहां पर मंदिर या सहायतार्थ चंदे को लेकर कोई कानून है? इसपर यूपी सरकार के वकील ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है.

वकील का ये जवाब सुनकर को’र्ट नाराज हो गई और कहा कि हमें ऐसा महसूस होता है कि राज्य सरकार चाहती ही नहीं कि वहां इसको लेकर कोई कानून बने. लगता है वहां जंगलराज है. हम उत्तर प्रदेश सरकार से परेशान हो गए हैं. आएदिन ऐसा देखने को मिलता है कि सरकार की ओर से पेश वकीलों के पास उचित जवाब ही नहीं होते, मामला चाहे दीवानी का हो या आपराधिक हो.

को’र्ट ने पूछा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. पीठ ने कहा कि हम अब यूपी के मुख्य सचिव से ही सीधे ये जानना चाहेंगे कि क्या वहां पर मंदिर और सहायतार्थ चंदे को लेकर कोई कानून है?

पीठ ने मंगलवार को मुख्य सचिव को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है. साल 2009 का ये मामला बुलंदशहर के लगभग 300 साल पुराने सर्वमंगला देवी बेला भवानी मंदिर के प्रबंधन से जुड़ा है.

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