आखिर वो दिन आ ही गया जिसका इंतेजार देश को काफी लंबे समय था. शनिवार की सुबह सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच देश के सबसे पुराने और सबसे बड़े मामले का फैसला सुना देगी. कल देश की सर्वोच्य अदालत ये तय कर देगी कि अयोध्या की विवादित जगह पर किसका कब्जा होगा.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की 5 सदस्यीय बेंच शनिवार की सुबह साढ़े दस बजे यह फैसला सुनाएगी.

बेंच ने 16 अक्ट्रबर को इस मामले की सुनवाई पूरी की थी. पीठ ने छह अगस्त से लगातार 40 दिन इस मामले में सुनवाई की थी. मामला देश के दो बड़े संप्रदा’य से जुड़ा है इसलिए फैसले से पहले सुरक्षा व्यवस्था के लिए हर तरह से तैयारियां की जा रही हैं.

केंद्र और राज्य सरकारें सुरक्षा के मुकम्मल इतेजामात में लगी हुई है. मामला उत्तर प्रदेश से जुड़ा है लिहाजा इस फैसले का सबसे ज्यादा असर यहीं पर पड़ने की संभावना है. इसी बात के मद्दे नजर केंद्र सरकार ने 4000 जवानों को यूपी भेज दिया है. थाना स्तर से लेकर सीएम स्तर तक बैठकों का दौर शुरू है.

फैसले से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी कर दी है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अयोध्या मामले में संभवित फैसले से पहले पूरी तरह से सर्तकता बरतने की सलाह दी जाती है.

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