आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसका इंतेजार देशभर को बरसों से था. अयोध्या में सदियों से चले आ रहे रा’ममंदि’र और बा’बरी मस्जि’द के विवाद को आज पूरी तरह से ख’त्म कर दिया गया. देश की सर्वोच्य अदालत ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए विवादित 2.77 एकड़ जमीन पर रा’म मंदि’र बनाने की इजाजत दे दी.
हालांकि अदालत ने ये भी साफ कर दिया कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिलता है जिससे ये बात साबित हो पाए कि मं’दिर को तोड़कर वहां पर मस्जि’द बनाई गई थी. अदालत ने ये भी कहा कि चूंकि वहां पर 1949 तक नमाज़ पढ़ी जाती रही लिहाजा सुन्नी वक्फ बोर्ड को अलग जगह पर 05 एकड़ जमीन अलग दी जाए जहां पर वो मस्जि’द का निर्माण करा सकें.
सबसे पहले अदालत ने वहां पर शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज किया. इसके बाद निर्मोही अखाड़े के दावे को भी खरिज कर दिया गया. एएसआई की रिपोर्ट को मानते हुए कहा कि खुदाई के दौरान प्राचीन अवशेष मिले हैं जो मंदि’र की तरह हैं.
इन्हीं सब बातों को आधार बनाकर पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से ये फैसला दे दिया कि विवादित जमीन केंद्र सरकार के रिसीवर को दे दी जाए और वहां पर एक ट्रस्ट बनाकर राम मंदि’र का निर्माण कराया जाए.
Supreme Court: Hindus consider Ayodhya as birthplace of Lord Ram,they have religious sentiments,Muslims call it Babri mosque. Faith of Hindus that Lord Ram was born here is undisputed. #AyodhyaJudgment
— ANI (@ANI) November 9, 2019