लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने पीएम मोदी को घेरने के लिए ‘चौकीदार चोर है‘ का नारा बलंद किया. हालांकि इस नारे का कुछ खास असर चुनाव नतीजों पर नहीं पड़ा मगर पीएम मोदी की व्यक्तिगत छवि को जरूर ठेस पहुंची.
राहुल गांधी के इस नारे के खिलाफ बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने अवमानना याचिका को उच्चतम न्यायालय से जोड़कर दाखिल किया. देश की शीर्ष अदालत ने इस मामले पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने राहुल गांधी की इस टिप्पणी को गलत ठहराया था.

राहुल गांधी ने अदालत में अपनी सफाई पेश करते हुए अपनी इस टिप्पणी को गैर इरादतन और अनजाने में दिया गया बयान बताते हुए माफी मांग ली थी. आज अदालत ने राफेल मुद्दे पर फैसला देने के बाद राहुल गांधी की माफी को स्वीकार करते हुए उन्हें सख्त हिदायत दे डाली.
अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना प्रक्रिया को बंद करते हुए कहा कि जो बिना सोचे समझे सुप्रीमकोर्ट के फैसले पर अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत हित साधते हैं. ये सही नहीं है. अदालत ने कहा कि भविष्य में कोर्ट से जुड़े किसी मामले पर राजनीतिक भाषण देते हुए सर्तकता बरतें.
बता दें कि भारत सरकार ने फ्रांस की दसौल्ट कंपनी से 36 राफेल विमानों को खरीदने का समझौता किया था. इस सौदे पर कांग्रेस पार्टी सहित कई वरिष्ठजनों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने तो इस सौदे में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए थे.
उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी इस मुद्दे को जमकर उछाला. पीएम को घेरने के लिए उन्होंने चौकीदार चोर है का नारा दे दिया. कई बार वो अपनी रैलियों और रोड शो में राफेल की तस्वीर को लेकर लोगों को इसकी याद दिलाते रहे.
अदालत के फैसले के बाद उन्होंने कहा था कि अब तो सुप्रीमकोर्ट ने भी मान लिया कि चौकीदार चोर है. इसी बयान पर उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी.
The Supreme Court says “Mr Rahul Gandhi needs to be more careful in future” for attributing to the court his remarks. https://t.co/MjG0POUVfj
— ANI (@ANI) November 14, 2019