पटौदी खानदान के चिराग सैफ अली खान के नाम अच्छी खासी वसीयत है. लेकिन सैफ अली खान अपनी इस प्रापर्टी का वारिस बेटे तैमूर अली खान को नहीं बना पाएंगे. गौरतलब है कि सैफ की प्रापर्टी विवाद में फंसी हुई है. उनकी पूरी मेवेबल और इममूवेबल प्रापर्टी एनिमी प्रापर्टी एक्ट की जद मे हैं.
एक्ट के मुताबिक अगर कोई एनिमी प्रापर्टी पर अपने बेटे के वरिस होने के दावा पेश करता है तो उसे हाईकोर्ट या फिर सुप्रीमकोर्ट में मुकदमा करना होता है. नवाब पटौदी की प्रापर्टी शुरु से विवादों के घेरे में है. भोपाल में उनकी ज्यादातर जमीन-जायदाद एनिमी प्रापर्टी एक्ट की जद में आ चुकी है.
गृह मंत्रालय का एनिमी डिपार्टमेंट इस प्रापर्टी की लंबे समय से जांच कर रहा है. भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खान ने जायदाद का वारिस अपनी बड़ी बेटी आबिदा को बनाया था. जो पाकिस्तान चली गई थी. इसके बाद इस प्रापर्टी पर मंझली बेटी साजिदा सुल्तान के परिवार का कब्जा हो गया, जिनके पोते हैं सैफ अली खान. हमीदुल्ला खां का कोई बेटा नहीं था. बड़ी बेटी आबिदा पाकिस्तान चली गई थी और सबसे छोटी बेटी राबिया अपने ससुराल चली गई.
इस कारण ही साजिदा सुल्तान ही नवाब की वारिस बनी. साजिदा सुल्तान की शादी पटौदी के नवाब इफ्तिखार अली से हुई थी. उनके एक बेटा और दो बेटियां हुई. बेटे का नाम मंसूर अली खां पटौदी था. सालेहा सुल्तान और सबीहा सुल्तान उनकी दो बेटियां थी. जिनकी शादी हैदराबाद में हुई. मंसूर अली खान पटौदी ने अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से शादी की. बेटा होने के चलते पूरी जायदाद मंसूर अली खां पटौदी ने संभाली और उनके बाद शर्मिला टैगोर और सैफ अली खान इसे संभाल रहे हैं.