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अफगानिस्तान में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंध पहले जैसे नहीं रहे. भारत सरकार ने अभी तक अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत को मान्यता नहीं दी है. हालांकि तालिबान सरकार की ओर से कई बार भारत से बातचीत और संबंधों को फिर से बहाल करने की पेशकश की जा चुकी है.

अफगानिस्तान में तालिबान का राज कायम होने के बाद भारत सरकार ने तालिबान से सभी तरह के संबंध समाप्त कर दिए हैं. भारत और काबुल के बीच सभी तरह की उड़ानों को 15 अगस्त तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. तालिबान की नई हुकूमत ने भारत सरकार को पत्र लिखकर भारत और अफगानिस्तान के बीच हवाई सेवाओं को फिर से बहाल करने की पेशकश की है.

समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक अफगानिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के कार्यवाहक मंत्री हमीदुल्लाह अखुनजादा ने भारत के नागरिक उड्डयन विभाग के महानिदेशक अरूण कुमार को खत लिखा है.

अखुनजादा ने अपने खत में लिखा है कि जैसा आप अच्छी तरह से जानते हैं कि काबुल एयरपोर्ट को अमेरिकी फोर्सेस ने नुकसान पहुंचाया था जिसकी वजह से एयरपोर्ट को बंद करना पड़ा था. इसके बाद उन्होंने लिखा कि हमारे दोस्त कतर की ओर से किए गए टेक्निकल सपोर्ट से इस एयरपोर्ट को फिर से चालू कर दिया गया है.

इस संबंध में 6 सितंबर को नोटिस जारी कर दिया गया था. भारत की ओर से अभी तक इस खत का कोई भी जवाब नहीं दिया गया है. बता दें कि भारत ने अभी तक तालिबान की अंतरिम सरकार को मान्यता नहीं दी गई है. पिछले कुछ दिनों पहले कतर में भारत के राजदूत और तालिबानी नेता के बीच बातचीत हो चुकी है.

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