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सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए नए कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. इसके साथ ही इस विवाद के समाधान के लिए सरकार की ओर से एक कमिटी भी बनाई गई है. सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए तमाम किसान संगठनों और नेताओं ने इसे आंदोलन की नैतिक जीत बताया है.

भारतीय किसान यूनियन के नेता योगेश प्रताप सिंह ने कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीमकोर्ट ने कृषि कानूनों के अमल पर जो रोक लगाई है वो किसान आंदोलन की नैतिक जीत है लेकिन जबतक कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा. वहीं भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के अध्यक्ष स्वराज सिंह ने धरना जारी रखने की बात कही है.

वहीं भारतीय किसान यूनियन, लोकशक्ति के अध्यक्ष स्वराज सिंह ने धरना जारी रहने की बात कही है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि सुप्रीमकोर्ट की ओर से जिन कृषि कानूनों पर रोक लगाई है वो किसानों के लिए अच्छा है. आगे का फैसला किसान संगठनों का संयुक्त मोर्चा लेगा. उसी का हम लोग पालन करेंगे हालांकि अभी धरने को जारी रखा गया है.

एक अन्य किसान नेता जसबीर सिंह ने कहा कि हम सुप्रीमकोर्ट के कमिटी बनाए जाने के फैसले का स्वागत तभी करेंगे जब सारे कानूनों को रद्द किया जाएगा और एमएसपी को कानूनी जामा पहनाया जाएगा. तभी हम लोग अदालत के फैसले से संतुष्ट होंगे.

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