आज के समय में कोई भी एक छोटे से जमीन का टुकड़ा तक नही छोड़ता है लेकिन दुनिया में एक ऐसी जमीन भी है जो काफी स्कवायर फीट में फैली हई है लेकिन इसके बाद भी इस जमीन पर कोई व्यक्ति दावा नहीं करता और ना ही कोई देश इसके लिए दावा करता है, आज इस पोस्ट में आपको इस जमीन के बारे में बताएंगे.

जिस जमीन के बारे में हम बात कर रहे हैं ये बीर तविल है, ये जमीन मिस्र और सूडान की सीमा पर मौजूद 2060 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है. जिस पर किसी देश की ओर से अभी तक दावा नहीं किया गया है. साल 1899 में यूनाइटेड किंगडम ने सूडान और मिस्र के बीच सीमा का निर्धारण किया था लेकिन इस जमीन पर किसी ने भी अपना हक नहीं जताया था.

इस जमीन को किसी भी देश के नहीं लेने के पीछे का कारण इस जगह के खराब हालात है, ये लाल सागर के करीब रेगिस्तानी इलाका है, जहां पर बहुत अधिक गर्मी होती है इसके साथ ही तेज गर्म हवाएं भी चलती हैं. यहां आपको दूर-दूर तक वीरान इस भूमि पर पानी और वनस्पति का कोई नामोनिशान तक नहीं दिखाई देता है इसलिए यहां रहना अंसभव सा प्रतीत होता है इसलिए यहां पर जिंदा रहना आसान काम नहीं है.

इस पर अभी किसी की ओर से दावा नहीं किया गया था लेकिन इंदौर मध्यप्रदेश के रहने वाले एक भारतीय शख्स ने साल 2017 में खुद को इस जगह का शासक घोषित कर दिया था इस युवक का नाम सुयश दीक्षित है जिसने इस जगह को किंगडम आफ दीक्षित नाम दिया था. उन्होंने इस जगह पर जाकर अपने देश का झंडा भी लगा दिया था. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी.

एक बेबसाइट के द्वारा बताया कि लोगों को यहां की नागरिकता लेने और निवेश करन के लिए भी कहा मगर यहां के हालात देखने को बाद इस जगह पर कोई भी नहीं टिक पाया इसके पहले एक अमेरिका और रुसी ने भी इस जगह पर अपना दावा पेश किया, मगर कोई भी इस जगह पर कभी बस न पाया है अभी भी ये जगह वीरान है.

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