बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल जल्द ही बजने वाला है. इसको लेकर बिहार के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने पहले से ही तैयारियों को शुरु कर दिया है. हालांकि बिहार में अभी महागठबंधन के खेमे की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. राजद की अगुवाई वाले महागठबंधन में कांग्रेस, आरएलएसपी और वीआईपी पार्टी हैं.

हाल ही में महागठबंधन से जीतन राम मांझी ने किनारा कर लिया है जिसके बाद भी विपक्षी खेमे में किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं दिखाई दे रही है. हालांकि एनडीए की ओर से ये स्पष्ट कर दिया गया है कि नीतीश कुमार ही उनके सीएम उम्मीदवार होंगे लेकिन महागठबंधन में अभी भी तेजस्वी यादव के सीएम उम्मीदवार को लेकर अस्थिरता बनी हुई है.

महागठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग की बात की जाए तो पिछले बार की तुलना में इस बार तस्वीर अलग दिखाई दे रही है क्योंकि पिछली बार महागठबंधन में जेडीयू भी शामिल थी. उस समय जेडीयू और राजद ने बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा था.  वहीं कांग्रेस 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. लेकिन इस बार बदले हुए समीकरणों और गठबंधन के साथ सभी को चुनाव में जाना है.

नीतीश कुमार के महागठबंधन से बाहर जाने के बाद कांग्रेस ने भी अपनी सीटों में इजाफा कर लिया है कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह की ओर से 80 सीटों की मांग की गई है. तो दूसरी तरफ राजद भी 160 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. ऐसे में इस सवाल का उठना लाजिमी है कि बाकी बचे हुए दलों का क्या होगा जो महागठबंधन में शामिल है?

महागठबंधन सूत्रों के मुताबिक राजद अपने कोट से मुकेश साहनी को जबकि कांग्रेस अपने कोटे उपेंद्र कुशवाहा को सीटें देंगी. ऐसे में देखा जाए तो मुख्य रुप से सीटों का बंटवारा राजद और कांग्रेस के बीच में हो जाएगा. जिसके बाद इन दोनों दलों को एडजस्ट करने का काम किया जाएगा.

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