कहतें हैं कि अगर मन में कुछ करने का जज्बा और खुद पर विश्वास तो मुश्किल से मुश्किल डगर को आप आसान बना सकते हैं. इसे सच साबित कर दिखाया है राजस्थान के नागौर के एक ट्रक ड्राइवर के बेटे पवन कुमार कुमावत ने. उसने कड़ी मेहनत और लगन से देश की सबसे कठिन यूपीएससी परीक्षा पास की है.

आमतौर पर ट्रक चालक की जिंदगी काफी संघर्षपूर्ण होती है वो अपना अधिकांश समय परिवार से दूर रहकर गुजारता है. उनका परिवार अभावों में जीता है, लेकिन यही संघर्ष उन्हें कुछ कर दिखाने का हौसला देता है. अभावों के बीच से सफलता का झंडा फहराने वाले होनहार पवन कुमार कुमावत का यूपीएससी एग्जाम में चयन हुआ है. उसने देश भर में 551 वां स्थान हासिल किया.

मूल रुप से नागौर के सोमणा के रहने वाले रामेश्वर लाल ने ट्रक चलाकर अपने बेटे पवन कुमार कुमार कुमावत की परवरिश की है. पवन की पढ़ाई-लिखाई शहर के ही पब्लिक स्कूल में शुरु हुई. रामेश्वर लाल ने अपने बेटे को शिक्षित करने के लिए गांव को छोड़ दिया और नागौर में आकर रहने लगे. काम नहीं मिलने पर वो ट्रक चलाने का काम करने लगे.

यहीं से पवन ने अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की, हालांकि बाद में वो आगे की पढ़ाई के लिए जयपुर आ गए. पवन ने बताया कि घर में बिजली नहीं होने पर लालटेन व चिमनी के माध्यम से उसने पढ़ाई को जारी रखा, वे अपने लक्ष्य से भटके बिना रात-दिन मेहनत करते रहे. पवन ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया है.

पवन ने बताया की बचपन में दादी उसे धार्मिक कहानियां सुनाती थी. ध्रुवतारे की कहानी सुनने के बाद जीवन में कुछ करने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई. दादी ने उसे क़ड़ी मेहनत का मूल मंत्र दिया, तभी से उसने जीवन में सफल होने का मन बना लिया था.

पवन ने युवाओं को अपने संदेश में कहा कि आज नशे का दौर चल रहा है युवा पीढ़ी को इससे हर हाल में बचना चाहिए क्योंकि नशा करने से युवा का करियर ही नहीं बल्कि उनके माता-पिता का भी भविष्य खराब होता है.

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