
शिवराज सरकार में सिंधिया खेमे के दो मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पर इस्तीफे की तलवार लटक रही है, दोनों को ही अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है. क्योंकि इन दोनों के ही मंत्री बने 6 महीने 21 अक्टूबर को पूरे हो जाएंगे, नियमों के मुताबिक पद की शपथ लेने के साथ ही 6 महीने के भीतर विधायक चुना जाना जरुरी है.
लेकिन अभी तक सूबे में उपचुनाव की तारीखों का एलान भी नहीं हुआ है ऐसे में इनके इस्तीफों पर तलवार लटक रही है. मध्यप्रदेश में बीजेपी की शिवराज सरकार बनने के बाद सीएम शिवराज ने 21 अप्रैल को मंत्रीमंड़ल का गठन किया था, इस मंत्रिमंडल में 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई थी इसमें से दो मंत्री सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत थे.
ये दोनो ही मंत्री अपनी विधायकी को पहले ही छोड़ चुके थे ऐसे में दोनों ही को मंत्री चुने जाने के बाद 6 हीने के भीतर विधायक चुना होना जरुरी था लेकिन अभी तक उपचुनाव ना होने के कारण दोनों के ही मंत्री पद पर खतरा मंडरा रहा है. 21 अक्टूबर को इनके मंत्री बनने के 6 महीने पूरे हो जाएंगे लिहाजा नियमों के मुताबिक उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा.
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की 27 सीटों पर उपचुनाव होना है. इनमें से तुलसी सिलावट की सांवेर और गोविंद सिंह राजपूत की सुर्खी विधानसभा सीट भी शामिल हैं, इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव होना है हालांकि चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि इन 27 सीटों पर भी चुनाव 29 नवंबर के लिए पहले ही करा लिया जाएगा लेकिन यदि ये चुनाव 21 अक्टूबर तक नहीं हुए तो फिर दोनों को ही मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है.