प्रियंका गांधी के महासचिव बनने के बाद यूपी कांग्रेस में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 10 बड़े नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. कांग्रेस की अनुशासनात्मक कमेटी ने इन सभी को अनुशासनहीनता का दोषी पाया है.

बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी में सबकुछ सामान्य नहीं चल रहा है. पार्टी एक तरफ जहां एक के बाद एक हार से जूझ रही है वहीं आपसी गुटबाजी भी पार्टी के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस की कमान प्रियंका गांधी के हाथ में आने के बाद से यहां पर भी खींचातानी शुरू हो गई है. प्रियंका ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बड़ा फेरबदल करते हुए यूपी की कमान अजय कुमार लल्लू के हाथों में सौंप दी.

इसके बाद से युवा चेहरों को तरजीह देने का सिलसिला शुरू हो गया. युवाओं को ज्यादा तरजीह दिए जाने से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बैठकों आदि से किनारा करना शुरू कर दिया.

यूपी कांग्रेस अनुशासन समिति के सदस्य अजय राय ने महासचिव प्रियंका गांधी और प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के निर्देश पर 11 वरिष्ठ नेताओं को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा गया था.

नोटिस में कहा गया है कि समाचार पत्रों के माध्यम से संज्ञान में आया है कि आप लोग भारतीय कांग्रेस कमेटी के फैसलों का सर्वाजनिक बैठके करके विरोध करते रहे हैं. इससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है. ये बर्ताव अनुशासनहीनता के दायरे में आता है. क्यों न आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.

जिन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है उनमें संतोष सिंह (पूर्व सांसद), सिराज मेंहदी (पूर्व एमएलसी), रामकृष्ण द्विवेदी (पूर्व गृहमंत्री), सत्य देव त्रिपाठी (पूर्व मंत्री), राजेन्द्र सिंह सोलंकी (सदस्य एआईसीसी), भूधर नारायण मिश्र (पूर्व विधायक), विनोद चौधरी (पूर्व विधायक), नेक चन्द्र पाण्डेय (पूर्व विधायक), स्वयं प्रकाश गोस्वामी (पूर्व अध्यक्ष युवा कांग्रेस), संजीव सिंह (पूर्व जिलाध्यक्ष गोरखपुर) उनमें का नाम शामिल है.

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