उत्तर प्रदेश के ऊर्जा विभाग में हुए पीएफ घोटाले के बाद अब होमगार्ड विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद होमगार्ड विभाग में हड़कंप मच गया है. आनन फानन में पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दस दिन में रिपोर्ट मांगी गई है.

उत्तर प्रदेश सरकार में होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने इस मामले में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कहा है कि इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद अब पूरे प्रदेश में होमगार्ड के वेतन का ऑडिट करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस फर्जीवाड़े की जांच डीआईजी होमगार्ड करेंगे.

मामला नोएडा से सामने आया है. नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि होमगार्ड विभाग के एक प्लाटून कमांडर ने शिकायत की थी कि होमगार्डों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर रकम हड़पने का खेल चल रहा है. इस शिकायत पर पूरे जिले में होमगार्डों की ड्यूटी की जांच कराई गई तो 8 लाख का घपला सामने आया.

कुछ मामले तो ऐसे भी सामने आए कि दो होमगार्डों की जगह 10 होमगार्ड की ड्यूटी दिखाकर रकम हड़पी जा रही थी. इसके लिए बाकायदा थाने की फर्जी मोहरों का भी इस्तेमाल किया जा रहा था. मामले की जांच के लिए शासन ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर नोएडा भेज दी है. जांच टीम से 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है.

होमगार्ड विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने आशंका जताई कि अगर एक जिले में इस तरह की गड़बड़ी हो रही है, तो अन्य जिलों में भी ऐसा संभव है. उन्होंने बताया कि डीजी होमगार्ड के सीनियर स्टाफ अफसर सुनील कुमार, मिर्जापुर के वरिष्ठ जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह और बागपत की जिला कमांडेंट नीता भारती को जांच के लिए नोएडा भेजा गया है. यह टीम पता लगाएगी कि पूरा फर्जीवाड़ा किस तरह से किया गया. मॉडस अपरेंडी क्या थी, इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे.

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