उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारी को एक पत्र के जरिए ब्राह्मणों के पास शस्त्र लाइसेंस की संख्या और नए लाइसेंस के लिए आवेदन का ब्यौरा माँगा था. यह जानकारी 21 अगस्त तक उपलब्ध करवानी थी, लेकिन बाद में सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए.

यह जानकारी इस आधार पर मांगी गयी, बीजेपी विधायक ने विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान पूछा था कि प्रदेश में पिछले तीन साल में कितने ब्राह्मणों की जान ली गयी, कितने असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और कितनों के पास शस्त्र लाइसेंस है?

इसी क्रम में सवाल किया गया कि कितने ब्राह्मणों ने शस्त्र के लाइसेंस के लिए आवेदन किया है. इस जानकारी को लेने के लिए जिलाधिकारियों को पत्र भी भेजे गए, लेकिन बाद में विवाद की आशंका के चलते प्रशासन ने इस जानकारी की मांग को निरस्त कर दिया.

हालांकि अब सरकार और प्रशासन दोनों ही ऐसी किसी बात से इनकार कर रहे हैं. विधायक इन्द्रमणि त्रिपाठी भी इस पर कोई बयान देने से बच रहे हैं. वहीं अधिकारियों का कहना है कि अब इस जानकारी को रोक दिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार अब इस मुद्दे से पीछे हट गयी है. इस विवरण पर आगे नहीं बढ़ा जा रहा है. एक जिले से कुछ आंकड़े भेजे भी गए हैं.

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