कानपुर प्रकरण का मुख्य आरोपी विकास दुबे अपने रसूख का इस्तेमाल कर अपने करीबियों को लाभ पहुंचाता था. उसके कारनामे लगातार खुलकर सामने आ रहे हैं. अब एक मामला सामने आया है कि अपने रसूख के दमपर विकास दुबे ने अपने करीबी अनुराग अवस्थी उर्फ़ सिन्नी की पत्नी रानो को इसी साल निर्विरोध प्रधान बनवाया.

जिसके बाद उसके छोटे भाई अविनाश की पत्नी सीमा को भी इसी साल मार्च में सरकारी राशन का कोटा दिला दिया. जबकि नियम है कि किसी जनप्रतिनिधि या उसके परिवार के सदस्य को कोटा नहीं दिया जा सकता है.

लोगों ने अपनी शिकायत में बताया है कि अनुराग ने जिला प्रशासन को एक फर्जी हलफनामा भी दिया, जिसमें प्रधान और कोटेदार को एक-दूसरे का संबंधी न होने की बात लिखी है. ये मामला सामने आने के बाद अब कोटा देने से पहले जांच करने गए शिवराजपुर खंड अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में आ गयी है.

बताया जा रहा है कि जब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन सहित अन्य अधिकारियों से की तो प्रधान और उसके साथियों ने धमकी दी थी.

वहीं अब मामला संज्ञान में आने के बाद डीआईजी डॉ प्रीतिंदर सिंह ने सीओ बिल्हौर संतोष सिंह को शुक्रवार को जांच के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. डीआईजी ने कहा है कि जिला प्रशासन की मदद से जांच की जाएगी.

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