संविधान दिवस क्या है? संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है? संविधान दिवस का इतिहास क्या है? संविधान दिवस का महत्व क्या है? इस तरह के सवाल आपके जेहन में जरुर उठते होंगे. आज हम आपको संविधन दिवस के बारे में पूरी जानकारी देंगे.

  • देश के पहले कानून मंत्री के रुप में जाने जाने वाले डाक्टर भीमराव अंबेडकर को मसौदा समिति का अध्यक्ष बनाया गया था. इसके साथ ही साल 1947 में भीमराव अंबेडकर को संविधान लिखने की जिम्मेदारी दी गई थी.
  • भीमराव अंबेडकर जब संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष बनें, तब उन्होंने संविधान को लिखने में अहम भूमिका निभाई. उनके द्वारा तैयार किए गए संविधान को अमिरेकी इतिहासकार ग्रानविले सीवार्ड आस्टिन ने सबसे और सबसे महत्वपूर्ण एक सामाजिक दस्तावेज के नाम से संबोधित किया था.
  • देश में प्रतिवर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रुप में सेलीब्रेट किया जाता है. दरअसल 26 नवंबर 1949 को को संविधान अपनाया गया था इसलिए इस दिन को संविधान दिवस के रुप में मनाया जाने लगा. हालांकि संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था.
  • संवैधानिक मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिहास से साल 2015 के दौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय के द्वारा प्रतिवर्ष 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस के रुप में मनाने का फैसला लिया गया.
  • संविधान के द्वारा किसी देश में शासन का आधार दिया जाता है. संविधान इसलिए भी जरुरी है ताकि सभी की जरुरतों को ध्यान में रथा जाए और ये सुनिश्चित किया जाए कि ये सभी के हित में है.
  • इस बात से तो सभी लोग भलीभांति परिचित हैं कि भारत विविधताओं का देश है, यहां हर राज्य में और देश के हर हिस्से में भाषा, बोली पहनावा आदि सभी अलग-अलग होते हैं ऐसे में संविधान ही उस कड़ी के रुप में सामने आता है जो पूरे देश को एक माला में पिरोता है और सभी को बांधे रखता है. संविधान से ही हर भारतवासी को एकसमान अधिकार मिलते हैं.

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