समाजवादी पार्टी के मुखिया के तौर पर अपनी पहचान को स्थापित करने वाले अखिलेश यादव इस समय यूपी के अलग ही नेता के तौर पर अपनी पहचान को स्थापित कर रहे हैं. वो यूपी के हर वर्ग, हर जाति और हर धर्म के नेता के रुप में उभरकर सामने आ रहे हैं जो कि यूपी के लोगों को भी खूब भा रहा है. अब हम आपको एक स्टोरी से वाकिफ कराएंगे.

बात साल 1990 की है जब सपा मुखिया अखिलेश यादव राजस्थान के धौलपुर मिलिट्री स्कूल से 12 वीं की पढ़ाई कर वापस लौटे थे इस वक्त मंदिर आंदोलन चरम पर था और उनके पिता मुलायम सिंह यादव इस सियासी बिसात के दांव पेंच से जूझ रहे थे लेकिन इस समय अखिलेश यादव इन सभी बातों से बिल्कुल अंजान थे.

इस वक्त मुलायम सिंह यादव का अधिकतर समय लखनऊ में ही बीत रहा था जबकि अखिलेश यादव का समय इटावा में. इसी दौरान एक दिन मुलायम सिंह यादव हेलीकाप्टर से एक रैली के लिए इटावा पहुंचे. युवा अखिलेश इस दौरान अपने पिता से मिलने के लिए रैली स्थल पर पहुंच गए. वह इस दौरान उम्मीद कर रहे थे कि उनके पिता उन्हें भी हेलीकाप्टर की सवारी कराएंगे.

image credit-social media

अखिलेश यादव की जीवनी विंड्स आफ चेंज में वरिष्ठ पत्रकार सुनीता एरान लिखती हैं कि अखिलेश यादव ने पिता से हेलीकाप्टर में बैठने की जिद की इस पर मुलायम सिंह यादव सबके सामने ही बिगड़ गए और कहा कि ये तुम्हारे लिए नहीं है. पिता की डांट को सुनकर अखिलेश चुपचाप घर लौट आए

बाद में इस घटना पर अखिलेश ने कहा था कि उन्होंने उस वक्त मुझे हेलीकाप्टर में नहीं बैठाया था लेकिन इस काबिल बनाया कि एक दिन खुद उसकी सवारी कर सकूं. धौलपुर मिलिट्री स्कूल में दूसरे छात्रों की ही तरह अखिलेश अपने सभी काम जैसे कपड़े धोना, जूते पालिश करना आदि कामों को खुद ही किया करते थे. अखिलेश ने इस दौरान अपनी पहचान को भी छिपा रखा था.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here