चुनाव आयोग सोमवार को बिहार विधानसभा के साथ-साथ यूपी की रिक्त आठ सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है. ऐसे में उपचुनावों की तारीखों के एलान के साथ ही यूपी में भी राजनीतिक सरगर्मी तेज हने की उम्मीद दिखाई दे रही है. यूपी की जिन आठ सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, वहां की 6 सीटों पर बीजेपी का कब्जा तो 2 सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है.
वैसे तो इन आठ सीटों के नतीजों से सूबे की राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए एक बड़े राजनीतिक संदेश के रुप में जरुर देखा जा ककता है इन उपचुनावों को सेमीफाइनल के रुप में भी देखा जा रहा है.
उत्तर प्रदेश की जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव प्रस्तावित हैं उनमें फिरोजाबाद की टुंडल सीट से बीजेपी के सांसद एसपी सिंह बघेल के सांसद निर्वाचित होने के बाद उनके द्वारा दिए गए इस्तीफ के बाद खाली हुई, रामपुर की स्वार सीट से समाजवादी पार्टी के अब्दुल्ला आज खान की जन्मतिथि विवाद में हाईकोर्ट में उनकी सदस्यता निरस्त कर दी थी. तो वहीं उन्नाव की बांगरमऊ सीट से बीजेपी के कुलदीप सिंह सेंगर जीते थे. उनकी सदस्यता उम्र कैद की सजा मिलने के कारण रद्द हुई है.

निधन के कारण रिक्त हुई ये सीटें
जौनपुर के मल्हनी क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव के निधन की वजह से खाली हुई है, देवरिया सदर से बीजेपी के जन्मेजय सिंह और बुलंदशहर से वीरेंद्र सिरोही की सीटें भी निधन के कारण खाली हुई है, वहीं कानपुर की घाटमपुर सीट बीजेपी की कमलरानी वरुण और अमरोहा की नौगावां सादात से बीजेपी के चेतन चौहान की कोरोना वायरस के संक्रमण से निधन होने के कारण खाली हुई है.