ति का क्षेत्र हो या कोई औद्योगिक क्षेत्र हो सभी चीजों में महिलाएं, पुरुषों की अपेक्षा आगे निकलकरर सामने आ रही हैं. कहा जाता है कि पुरुषों की सफलता के पीछे किसी ना किसी रुप मेंं महिला का हाथ होता है.
ऐसी ही एक कहानी है जिसमें एक महिला ने अपने पति के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की और सफलता भी अर्जित की. ओडिशा के बारागढ़ जिले की माधवी महाकुरे के साथ भी ऐसा ही था. जिन्होंने अपने पति के सपने को पूरा करने के लिए दो बार फोर्स की परीक्षा को उत्तीर्ण किया लेकिन ज्वाइन नहीं किया. दो बार माधवी मेडिकल जांच के बाद भी किसी कारणवश सेना में शामिल नहीं हो पाई थी.
महिला ने शादी के बाद ज्वाइन की सेनाः
शादी के बाद सेना में शामिल होने का उसका सपना मानो टूट गया था. लेकिन शादी के बाद वो अपने सपने की पीछे पड़़ी रहीं. शादी के बाद भी वो सेना में शामिल होने के लिए अड़ी रहीं और इसमें उनको उनके पति का साथ भी मिला. माधवी ने बिना किसी तैयारी के पहली बार परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की.
माधवी ने फिजिकल और मेडिकल टेस्ट में भी सफलता हासिल की. माधवी को इस समय केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में कांस्टेबल बनाया गया था जबकि माधवी वर्तमान में कांस्टेबल के रुप में नियमित तौर पर काम कर रही थी. माधवी ने उन महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की है जो इस तरह की परीक्षाओं में शामिल होकर रक्षा क्षेत्र में जाना चाहती हैं.