उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक खत्म हो चुकी है. इस बैठक में 13 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है. योगी कैबिनेट ने जिन फैसलों को मंजूर किया है उनमें अयोध्या में दीपोत्सव मेले को राज्य मेला का दर्जा शामिल है.

ये प्रस्ताव हुए मंजूर

अमृत योजना के तहत रायबरेली योजना फेज-3 को मंजूरी दे दी गई. इसके लिए 187.17 करोड़ का अनुमोदन किया गया है. इसमें 50 फीसदी केंद्र, 30 फीसदी राज्य व 20 फीसदी नगरीय निकाय देगा.

यूपी स्टेट सेप्टेज मैनेजमेंट पालिसी को मंजूर दे दी गई. प्रदेश में 652 नगर निकायों में पांच करोड़ की आबादी है। इसके लिए अपशिष्ट जल प्रबंधन की 3300 एमएलडी क्षमता अभी है व 1280 एमएलडी की क्षमता विकसित की जा रही है.

सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के शिक्षकों को सातवें वेतनमान की मंजूरी दे दी गई. इसका फायदा एकेटीयू, मदनमोहन इंजीनियरिंग विवि व एचबीटीआई के शिक्षकों को मिलेगा.

यूपी एडेड टेक्निकल इंस्टिट्यूट नियमावली में बदलाव किया गया है, साथ ही चयन समिति में परिवर्तन किया गया है. प्रधानाचार्य की चयन समिति में उप शिक्षा सलाहकार की जगह एआईसीटीई का प्रतिनिधि शामिल होगा.

विशेष सत्र के सत्रावसान को मंजूरी दे दी गई है. सरकार ने संकल्प पारित किया है कि गांधी के आदर्शों पर चलते हुए सयुंक्त राष्ट्र के तय एसडीजी गोल को प्राप्त करने के लिये प्रभावी कदम उठाएंगे.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में लाहौरी टोला के निर्मल मठ के भवन खरीद को मंजूरी मिल गई है. इसके लिए कॉरिडोर के निकट 500 वर्ग मीटर की जमीन दी जाएगी.

फिल्म सांड़ की आंख को टैक्स फ्री करने का फैसला लिया गया है. पुलिस के खाली पीतल खोखा की नीलामी खत्म कर एनएसटीसी के जरिये अब ई ऑक्शन कराया जाएगा.

अयोध्या में दीपोत्सव मेले को राज्य मेला का दर्जा दिया गया है. मेले के तहत झांकी सहित सभी कार्यक्रमों का ऑडिट किया जाएगा.

खनन विभाग के समूह क और ख की नियमावली आएगी. इसमें आरक्षण, आयु सीमा, प्रमोशन, वरिष्टता आदि के वर्तमान संदर्भों को शामिल किया जाएगा.

राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के कर्मचारियों के लिये वित्त मंत्री की अध्यक्षता में कमिटी गठित की गई. 15 दिन में रिपोर्ट देगी जिसमें समायोजन, वीआरएस, निगम बन्द करने या चलाने सहित सभी पहलुओं पर विचार करेगी.

सोनभद्र में जेपी सीमेंट के खनन क्षेत्र के लिये वन भूमि 586.178 हेक्टयर की अधिसूचना निरस्त कर 470.304 हेक्टयर गैर वन भूमि कृषि के लिए दी जाएगी. मड़िहान से भूमि इसके लिए अधिग्रहीत की जाएगी.

यूपी मात्स्यिकी नियमावली में बदलाव किया गया है. अब इसमें बोर्ड और कोष गठित किया गया है. कृषि उत्पादन आयुक्त इसमें अध्यक्ष होंगे. मछुआ समुदाय के विकास और सहयोग के लिये मदद की जाएगी. 100 करोड़ रुपये के कोष के साथ मत्स्य पालन विकास समिति का लक्ष्य है. अभी 25 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृति किया गया है.

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