उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब यूपी के प्रशासनिक ढ़ांचे में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू कर चुकी है. सरकार इसे प्रशासनिक सुधार का नाम दे रही है और कह रही है कि विभागों के पुर्नगठन से काम में तेजी आने की उम्मीद है.
यूपी सरकार ने मौजूदा 95 विभागों का पुर्नगठन कर उन्हें 54 विभागों में समायोजित किए जाने की सिफारिश पर विचार करना शुरू कर दिया है. इसके लिए संबंधित विभागों से 20 जनवरी तक सुझाव मांगे गए हैं. बताया जा रहा है कि विभागों के पुर्नगठन से न सिर्फ उनकी संख्या कम होगी बल्कि काम में भी तेजी आने की उम्मीद है.
बता दें कि योगी सरकार ने 3 जनवरी 2018 को विभागों के पुर्नगठन के लिए तत्कालीन अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने सरकारी विभागों की संख्या को 95 से घटाकर 57 करने का सुझाव दिया था.
इस सुझाव पर अमल से पहले ही पिछले साल पूर्व मुख्य सिवच राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक नई कमेटी बना दी गई थी. समिति ने विभागों के पुर्नगठन संबंधी संजय अग्रवाल की कमेटी की सिफारिशों पर जल्द ही निर्णय लेने की सिफारिश की थी. इसके अलावा प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के लिए भी सुझाव दिए थे.
जानकारी के मुताबिक समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और दिव्यांगजन विभाग का कार्य एक ही तरह का है इसलिए इनका एकीकरण किया जाएगा. इसके अलावा अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम, पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम, एससी-एसटी वित्त विकास निगम में एकीकृत किया जाएगा.